सोशल मीडिया दिवस: वैश्विक व्यवसाय, अभियानों और आंदोलनों को नई दिशा देने वाली क्रांति का उत्सव

सोशल मीडिया दिवस हर साल 30 जून को मनाया जाता है। आइये जानते हैं कुछ ऐसे विशिष्ट आंदोलन जो सोशल मीडिया के द्वारा प्रभावित हुए।
सोशल मीडिया दिवस: वैश्विक व्यवसाय, अभियानों और आंदोलनों को नई दिशा देने वाली क्रांति का उत्सव
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सोशल मीडिया दिवस हर साल 30 जून को मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत 14 साल पहले, 2010 में, एक डिजिटल प्लेटफार्म "मैशेबल" (Mashable) द्वारा हुई थी, ताकि लोग वैश्विक संचार पर सोशल मीडिया के प्रभाव को पहचान सकें।

(World Social Media Day) सोशल मीडिया दिवस का महत्व :

यह दिन बताता है कि कैसे सोशल मीडिया ने जानकारी साझा करने और एक-दूसरे से जुड़ने के तरीके में बदलाव लाया है। इस अवसर पर अक्सर मीटिंग्स, इवेंट्स, और अन्य कार्य होते हैं, जो सोशल मीडिया के प्रति उत्साही, पेशेवरों और प्रभावशाली लोगों को अंतर्दृष्टि साझा करने, नेटवर्क बनाने और डिजिटल संचार के भविष्य पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाते हैं।

कैसे सोशल मीडिया वैश्विक संचार को प्रभावित करता है?

1. तुरंत लोगों से जुड़ना: दुनियाभर में लोग बिना किसी भौगोलिक बाधा के, सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे से आसानी से जुड़ जाते हैं और समय पर संपर्क कर पाते हैं।

2. जानकारी आसानी से मिलना : न्यूज़ या कोई अन्य जानकारी सोशल मीडिया के जरिए जल्दी पहुंचती है, जो अक्सर पारंपरिक न्यूज़ चैनलों को पीछे छोड़ देती है।

3. सामाजिक आंदोलन और सक्रियता: सोशल मीडिया सामाजिक आंदोलनों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म सामाजिक आंदोलन में सहयोग करते हैं और जागरूकता फैलाते हैं। सोशल मीडिया कुछ विशिष्ट मुद्दों, रुझानों और दृष्टिकोणों को समझकर जनता की राय को आकार देता है।

4. मार्केटिंग और बिजनेस को बढ़ावा देना: सोशल मीडिया के माध्यम से मार्केटिंग, ग्राहक एंगेजमेंट और ब्रांड निर्माण कर व्यवसाय में  लाभ उठाते हैं।

5. संस्कृति की समझ : सोशल मीडिया के कारण इंफ्लुएंसर अपनी देश की संस्कृति को बढ़ावा देते हैं और दूसरे देशों की संस्कृति को भी जान सकते हैं।

कुछ विशिष्ट आंदोलन जो सोशल मीडिया के द्वारा प्रभावित हुए

1. MeToo Movement : यह आंदोलन यौन शोषण, यौन उत्पीड़न और रेप के विरुद्ध है, जहां महिलाएँ अपनी कहानियाँ साझा करती हैं। #MeToo की शुरुआत 2006 में तराना बर्के द्वारा हुई थी। इस आंदोलन को 2017 में अलीसा मिलानो ने फिर से सक्रिय किया, जब उन्होंने यौन शोषित और यौन उत्पीड़ित महिलाओं को अपने ट्वीट्स के जरिए #MeToo आंदोलन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। यह आंदोलन फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर के जरिए पूरे विश्व भर में फैल गया।

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2. LGBTQ+ Movement / Pride Movement : यह आंदोलन समलैंगिक, उभयलिंगी, ट्रांसजेंडर और अन्य गैर-विषमलैंगिक लोगों के अधिकारों, स्वीकृति और समानता की लड़ाई है। #LoveIsLove हैशटैग का प्रयोग समलैंगिक विवाह की स्वीकृति और समान अधिकारों के लिए किया गया। 2024 के डेटा के अनुसार, इंस्टाग्राम में 2 मिलियन से अधिक पोस्ट हुए हैं। #TransRightsAreHumanRights ट्रांसजेंडर के अधिकारों और समान व्यवहार को प्रमुखता से उजागर करता है। इंस्टाग्राम में 400K से अधिक पोस्ट हुए हैं। #PrideMonth हर साल जून के महीने में मनाया जाता है, यह हैशटैग LGBTQ+ के इतिहास, संस्कृति और संघर्षों के प्रति जागरूकता लाता है।

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3. Black Lives Matter : यह आंदोलन रंग-रूप के भेदभाव और असमानता के खिलाफ लड़ाई है। #BlackLivesMatter की शुरुआत 2013 में एलिसिया गार्ज़ा, पैट्रिस कलर्स और ओपल टोमेटी द्वारा हुई थी। इस आंदोलन को 2020 में वैश्विक स्तर पर ध्यान मिला जब मिनियापोलिस पुलिस के अफसर डेरेक चौविन ने जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद दुनियाभर में इस हैशटैग का प्रयोग बढ़ गया। ट्विटर पर 40 मिलियन से अधिक बार इस हैशटैग का प्रयोग हुआ।

4. Iran-Anti Hijab Movement : यह आंदोलन ईरानी महिलाओं को हिजाब  न पहनने की स्वतंत्रता के लिए है। 1979 में ईरान की महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया गया था। यह आंदोलन 2022 में तब फैला जब ईरान पुलिस ने 22 वर्ष की महसा अमीनी को बुरी तरह मारा, जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद #WhiteWednesday, #GirlsOfRevolutionStreet और #MahsaAmini जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुए।

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5. Free Palestine Movement : यह आंदोलन फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय स्थापित करने, इज़रायली कब्ज़ा, शरणार्थियों के लिए वापसी  और फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता जैसे मुद्दों को संबोधित करता है। #FreePalestine, #SaveSheikhJarrah और #GazaUnderAttack जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुए।

6. Je Suis Charlie : यह आंदोलन 2015 में फ्रांसीसी पत्रकार चार्ली हेब्दो समेत अन्य 11 पत्रकारों और अन्य 6 लोगों की आतंकियों द्वारा हत्या के बाद शुरू हुआ। आतंकी हमले के कुछ दिनों बाद यह हैशटैग के साथ पहला ट्वीट जोचिम रोनसिन द्वारा पोस्ट हुआ, और जनवरी 2015 में 1.5 मिलियन से अधिक लोगों ने इस आंदोलन का समर्थन किया।

सोशल मीडिया के माध्यम से लोग आसानी से जुड़ सकते हैं, जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और हैशटैग के माध्यम से अपनी राय साझा कर सकते हैं। यह वैश्विक संचार को और बेहतर बनाता है।

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