सदन के मॉनसून सत्र के पांचवे दिन भी,विपक्ष ने मणिपुर घटना पर संसद में केंद्र सरकार पर हमला जारी रखा| दरअसल विपक्ष ने इस मुद्दे पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा| जिसके बाद विपक्ष ने सरकार पर विशवास न होने का दावा करते हुए आज, इं.डि.या गठबंधन की तरफ से कांग्रेस और बीआरएस ने सरकार के खिलाफ सदन अलग-अलग अविश्वास प्रस्ताव पेश किया|
विपक्ष की मांग पर क्या है सरकार का कहना?
अविश्वास प्रस्ताव लाने के पूर्व, विपक्ष का कहना था कि, उन्हें मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री से ही जवाब चाहिए, जिसपर सरकार की ओर से, गृहमंत्री का कहना था की वह जवाब के साथ इस विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, जिसके बाद विपक्ष ने सत्ता पक्ष से असहमति दिखाते हुए उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लाने का कदम उठाया|
विपक्ष की सरकार पर प्रतिक्रिया क्या है?
विपक्ष,के कई नेता,मणिपुर वाली बात पर सरकार को घेरते हुए और अविश्वास प्रस्ताव को सही ठहराते हुए अपनी-अपनी बात कह रहे हैं :-
सबसे पहले, कोर्ग्रेस नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा “पीएम मोदी मणिपुर पर सदन के बाहर तो बात करते हैं, लेकिन सदन के अंदर नहीं बोलते. विपक्ष ने मणिपुर पर बार बार सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की, लेकिन यह विफल रही. ऐसे में अब अविश्वास प्रस्ताव ही सही है|”
वहीं सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि “जब पीएम मोदी के पास संसद में बयान देने के लिए आत्मविश्वास की कमी हो. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी तक मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर 'मौन' रखते हैं बृजभूषण पर कुछ नहीं बोलते. कहते हैं कि चीन ने किसी जमीन पर कब्जा नहीं किया. तो I.N.D.I.A को उनमें कैसे विश्वास रहे?”
अविश्वास प्रस्ताव के पीछे क्या है विपक्ष की सोच?
यह जानते हुए भी कि बहुमत के आधार पर प्रस्ताव गिर सकता है, विपक्ष इस प्रस्ताव को शायद इसीलिए सदन में लाया है, ताकि वह पीएम से मणिपुर मुद्दे पर जवाब पा सकें क्यूंकि विपक्ष इस बात को अच्छे से जानता है कि, अगर प्रस्ताव मंज़ूर होता है, तो प्रधान मंत्री को इसपर जवाब देना पड़ेगा, जो कि जनता की नज़रों में विपक्ष की एक बहुत बड़ी जीत होगी|
अभी तक सदन में इस मामले को लेकर क्या-क्या हुआ?
आज सदन की करवाई शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने सुबह 9:25 मिनट पर अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा में सेक्रेटरी जनरल के दफ्तर में जाकर दे दिया| जिसके बाद आज विपक्ष ने इस प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग की|
पक्ष-विपक्ष की बातों को सुनने के बाद लोक सभा के स्पीकर ओम बिरला ने इस प्रस्ताव पर चर्चा को मंज़ूरी देते हुए,कारवाई को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया|
अब आगे क्या होगा?
अब, आज दोपहर बारह बजे से इस विपक्ष द्वारा लाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की जायेगी जिसके बाद वोटिंग से यह निर्णय लिया जाएगा कि, कौन-कौन सरकार के पक्ष में है, और कौन उसके खिलाफ, इससे यह तय होगा की आगे यह सरकार बनी रहेगी या नही|