Amarnath Yatra 2023: अमरनाथ यात्रा के लिए आज से रजिस्ट्रेशन शुरू हो रहे हैं। ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड से रजिस्ट्रेशन शुरू होंगे। बता दें कि इस साल एक जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू हो ने जा रही है। पहला जत्था 30 जून को जम्मू से रवाना किया जाएगा। यात्रा इस बार 31 अगस्त तक चलेगी। 62 दिनों की यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था भी सरकार मजबूत करने में जुट चुकी है। जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने कहा है कि यात्रा को सुगम और आसान बनाने के लिए सरकार सभी प्रकार के इंतजाम कर रही है। तीर्थयात्रा शुरू होने से पहले दूरसंचार सेवाओं को और बेहतर तरीके से संचालित किया जाएगा। अमरनाथ यात्रियों के मेडिकल के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
13 से लेकर 70 वर्ष की आयु तक के व्यक्ति अमरनाथ यात्रा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। छह हफ्ते या उससे ज्यादा दिनों की गर्भावती महिला को अमरनाथ यात्रा करने की अनुमति नहीं है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए वेबसाइट https://jksasb.nic.in पर जा सकते हैं।
नामित बैंक शाखाओं की सूची श्री अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की वेबसाइट https://jksasb.nic.in पर उपलब्ध है। ज्यादा जानकारी के लिए यात्री टोल-फ्री नंबर- 18001807198 / 18001807199 पर संपर्क कर सकते हैं।
अमरनाथ यात्रा के लिए इस बार कुल 31 बैंकों में पंजीयन किया जा सकेगा। पंजाब नेशनल बैंक की किसी भी शाखा में पंजीयन होंगे। मेडिकल और रजिस्ट्रेशन के लिए कई दस्तावेज अनिवार्य किए गए हैं जिनके बिना यात्रा संभव नहीं हो सकेगी।
तीर्थयात्रियों को अपने साथ पासपोर्ट साइज फोटो, आइडी प्रूफ की फोटोकॉपी लानी होगी। साथ ही यात्रा की तारीख और मार्ग भी बताना होगा।
नामित बैंक शाखाओं के माध्यम से अग्रिम पंजीकरण की लागत प्रति व्यक्ति 120 रुपये है।
ऑनलाइन पंजीकरण की लागत प्रति व्यक्ति 220 रुपये है।
ग्रूप रजिस्ट्रेशन की लागत प्रति व्यक्ति 220 रुपये है।
एनआरआई तीर्थयात्री पीएनबी के माध्यम से प्रति व्यक्ति 1,520 रुपये में पंजीकरण करा सकते हैं।
अमरनाथ यात्रा का मार्ग समय के साथ बदलता रहता है। इस इलाके में सड़कों के निर्माण के साथ ही यात्रा मार्ग में भी बदलाव हुआ है। अब अमरनाथ की यात्रा के लिए दो रास्ते हैं। एक रास्ता पहलगाम से शुरू होता है, जो करीब 46-48 किलोमीटर लंबा है। इस रास्ते से यात्रा करने में 5 दिन का समय लगता है। वहीं दूसरा रास्ता बालटाल से शुरू होता है, जहां से गुफा की दूरी 14-16 किलोमीटर है, लेकिन खड़ी चढ़ाई की वजह से इससे जा पाना सबके लिए संभव नहीं होता।
अमरनाथ धाम जम्मू--कश्मीर में हिमालय की गोद में स्थित एक पवित्र गुफा है, जो हिंदुओं का सबसे पवित्र स्थल है। माना जाता है कि अमरनाथ स्थित पवित्र गुफा में भगवान शिव एक बर्फ-लिंगम यानी बर्फ के शिवलिंग बनने की वजह से इसे बाबा बर्फानी भी कहते हैं। पवित्र गुफा ग्लेशियर्स, बर्फीले पहाड़ों से घिरी हुई है। गर्मियों के कुछ दिनों को छोड़कर यह गुफा साल के ज्यादातर समय बर्फ से ढकी रहती है।
गर्मियों के उन्हीं दिनों में यह दर्शन के लिए खुली रहती है। खास बात ये है कि इस गुफा में हर वर्ष बर्फ का शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बनता है। बर्फ का शिवलिंग, गुफा की छत में एक दरार से पानी की बूंदों के टपकने से बनता है।