कर्मचारी भविष्य निधि संगठन(EPFO) ने इस वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए EPF दर 8.15 फीसदी की घोषणा की है| यह कदम केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने भविष्य निधि योगदान के लिए उठाते हुए ब्याज दर में बढ़ोत्तरी को नोटिफाई कर दिया है| ईपीएफओ ने इसपर नोटीफ़िकेशन देते हुए कहा है कि, भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने ईपीएफ योजना के प्रत्येक सदस्य के खाते में वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज जमा करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 के पैरा 60 (1) के तहत केंद्र सरकार की मंजूरी दे दी है|
इसपर कुछ अहम् जानकारियाँ
· EPFO पर हुए इस फैसले से जुड़ा एक सर्कुलर 24 जुलाई,2023 यानि सोमवार को जारी कर दिया गया है|
· अन्य जानकारियों के हिसाब से इस साल अगस्त के महीने तक ब्याज का पैसा लोगों तक पहुंचना शुरू हो जाएगा|
40 साल के इतिहास में सबसे कम ब्याज दर
इस बार EPF अकाउंट पर आने वाली ब्याज दर ने पिछले 40 सालों में सबसे कम होने का रिकॉर्ड बनाया है| सबसे पहले साल 1977-78 में ईपीएफ ब्याज दर को 8% तक किया गया था, लेकिन इसके बाद यह लगातार बढ़ता रहा| जहां 2015-16 में यह 8.8 फीसदी था, वहीं 2016-17 में 8.65 फीसदी, 2017-18 में 8.55 फीसदी तो वहीं 2018-19 में दोबारा बढ़कर 8.65 फीसदी तक पहुँच गया था| जिसके बाद, वित्तीय वर्ष 2021-22 में यह दर घटकर 8.10 फीसदी ही रह गयी थी, जिसके हिसाब से ही लोगों को ब्याज मिलता था|
इसके लिए कर्मचारियों के जेब से कटते हैं पैसे
ईपीएफ अकाउंट के लिए पैसे एक कर्मचारी की जेब से कटते हैं| जहां उसकी तंख्वा में से 12% तक पैसे कटते हैं, यही पैसे आगे चलकर 8.33% फीसदी ईपीएस या (कर्मचारी पेंशन योजना), जबकि 3.67 फीसदी ईपीएफ में आता है|
अगर किसी को अपना ईपीएफ बैलेंस चेक करना हो तो वह www.epfindia.gov.in पर जाकर इसे चेक कर सकते हैं|