बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस करवाकर, यह ऐलान कर दिया है कि, 2024 के लोक सभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी (BSP) पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रीय दलों के साथ कुछ शर्तों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेंगी | हालाकि देखा जाए तो मायावती ने यह बात साफ़ कर दी है कि अगर क्षेत्रीय दलों को साथ आना चाहते हैं तो, उनका एनडीए और यूपीए के बदले वाले नाम इं.डि.या से भी कोई संबंध नहीं होना चाहिए|
ये हैं मायावती के सत्ता पक्ष और विपक्ष पर विचार...
मायावती ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में सत्ता-पक्ष और विपक्ष दोनों के बारे में बात करते हुए कहा है कि, जहां एक तरफ सत्ता पक्ष फिर से अपनी सरकार बनाने की दलील दे रहा है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी गठबंधन के सहारे सत्ता में आने के सपने देख रही है| दोनों ही गठबंधन सरकार में आने के लिए अपने-अपने दावे कर रहे हैं| इसपर मायावती ने बाकी सभी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि, लेकिन जिन लोगों ने पहले जो वादे किये थे, वो खोखले साबित हुए|
UCC पर विचार करे सरकार
ऐसे तो मायावती पहले भी UCC की बात पर अपने विचार रखती नज़र आई हैं, पर इस बार उन्होंने इस पर बयान दिया है कि, BJP को यूसीसी से जुड़े सभी आयामों पर विचार करना चाहिए, क्योंकि उनके हिसाब से भाजपा सरकार नागरिकों पर इसे थोप रही है| उन्होंने इसपर आगे कहा कि, हमारी पार्टी यूसीसी लागू करने के खिलाफ नही, बल्कि यूसीसी लागू करने के बीजेपी मॉडल के खिलाफ है|
बिना किसी गठबंधन के ब.स.पा में दिख रहा कितना दम
इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद से ही यह कयास लगाया जा रहा है कि भले ही BSP राष्ट्रीय राजनीति में इतना ना दिखती हो, पर वह अगले साल के चुनावों में दोनों ही गठबन्धनों को अच्छी चुनौती पेश कर सकती है|