Jaano Junction
Literature

मेहनत | Hindi Poem

पढ़िए श्वेतारानी की लिखी हिंदी कविता "मेहनत"

Shwetarani

मैं! मैं मेहनत हूँ।

सपनों से मेरा गहरा नाता है।

पर मेरा साथ कोई फरिश्ता ही निभाता है।

उलझी कठिनाइयाँ मेरी प्रिय सखियाँ हैं।

जो सुलझा पाया उनके लिए जगमगातीं मोमबत्तियाँ हैं।

हर रोज़ कई फरिश्तों से मुलाक़ात मेरी होती है,

जो लड़ जाते हैं मेरे कठोर इरादों से

और सजा लेते हैं अपनी तक़दीरों को खून-पसीने की स्याहियों से।

ऐसे फरिश्ते मिलते हैं, रोज़ मेरी तदबीरों से,

कठोर बनकर लड़ जाते हैं मेरी तंग जंज़ीरों से।

कामयाबी का एक इशारा ही काफ़ी है,

मंजिल तेरी अभी बाक़ी है।

मेरे साथ कदम बढ़ाते रहो, काम अपना बनाते रहो।

मुझ में ज़रा यक़ीन रखो और इरादों को मुमकिन करो।

सपनों से मेरा है गहरा नाता।

साथ जो मेरा निभाता सदा।

- श्वेतारानी

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