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बिहार आए और यहाँ के इन स्वादिष्ट व्यंजनों को नहीं खाया तो आपने कुछ नहीं खाया – Bihari Food Guide

अगर आप बिहार आए हैं और यहाँ के स्वादिष्ट व्यंजन नहीं खाए तो आपका आना बेकार है। बिहार में आपको मीठे से लेकर तीखे भोजन खाने वाले आसानी से मिल जायेंगेl

Kajol Kumari

अगर आप बिहार आए हैं और यहाँ के स्वादिष्ट व्यंजन नहीं खाए तो आपका आना बेकार है। बिहार का भोजन उत्तर भारतीय भोजन और पूर्वी भारतीय भोजन का अंग है। भारत की संस्कृति दुनिया में सबसे अलग है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश में आपको अलग-अलग तरह के कल्चर देखने को मिलते हैं, बिहार एक ऐसा ही राज्य है जहां ऐसी कई रेसिपीज मिलती हैं जिसे देखकर आप सभी के मुंह में पानी आ जायेगा। बिहार में आपको मीठे से लेकर तीखे भोजन खाने वाले आसानी से मिल जायेंगेl

लिट्टी चोखा :

बिहार के खाने का ज़िक्र हो और लिट्टी चोखा का ज़िक्र ना हो ऐसा तो हो नहीं सकता। बिहार का मौलिक और पारंपरिक व्यंजन लिट्टी चोखा है। लिट्टी चोखा बिहार की खाद्य परंपरा की शान है। लिट्टी की पारंपरिक रेसिपी मगध साम्राज्य जितनी ही पुरानी हैl बिहार में सबसे अधिक पसंद किए जाने वाला अगर कोई भोजन है तो वो लिट्टी- चोखा है। लिट्टी दरअसल आटे में सत्तू भरकर सेकी गई कचौरियां है और आलू–बैंगन के चोखा के साथ खाना इसे हर बिहारी और बिहार में आए सैलानी खूब पसंद करते हैं। वैसे इसे दिल्ली से लेकर मुंबई तक के लोग भी खासा पसंद करते हैं। हर शादी, समारोह मे आपको कुछ मिले या न मिले लेकिन आपको लिट्टी चोखा जरूर मिलेगा।

मालपुआ

बिहार उन लोगों के लिए एक पसंदीदा स्थान है जो  मिठाइयाँ पसंद करते हैं। मालपुआ एक ऐसी मिठाई है जिसे यहां के स्थानीय लोग चाव से खाते हैं। आटे, दूध और मसले हुए केले से बने घोल का  पैनकेक बनते हैं या फिर डीप फ्राई किया जाता है और चीनी की चाशनी में डुबोया जाता है, जिसे राज्य के सभी दावतों और व्रतों में पकाया जाता है।

तिलकुट :

तिलकुट एक स्वास्थ्यप्रद मिठाई है जिसे कूटे हुए तिल और गुड़ से तैयार किया जाता है। इसका स्वाद केवल सर्दियों में ही लिया जा सकता है क्योंकि तिल में फाइबर होते हैं जो गर्मी पैदा करते हैं। सर्दियों का यह स्वादिष्ट व्यंजन दोनों मुख्य सामग्रियों के कई स्वास्थ्य लाभों के साथ आता है। 

वैसे तो तिलकुट आपको हर मिठाई की दुकान में मिल जाएगा लेकिन गया के तिलकुट काफी प्रसिद्ध हैं।

चंपारण मीट :

चंपारण मीट, जिसे अहुना, हांडी मटन या बटलोही के नाम से भी जाना जाता है, बिहार के चंपारण ज़िले का मशहूर व्यंजन है। मांस को सरसों के तेल और घी, लहसुन, प्याज, अदरक और मसालों के  मिश्रण में मैरीनेट किया जाता है। चूल्हे पर हांडी (मिट्टी के बर्तन) का मुंह गूंथे हुए आटे से बंद कर दिया जाता है। इस से इसकी गुणवत्ता और स्वाद काफी बढ़ जाती है। इसके पकने के बाद निकलने वाली सुगंध अप्रतिरोध्य है। इस स्वादिष्ट मटन करी को चावल, रोटी और सलाद के साथ खाया जाता है। 'चंपारण मीट' ने भोजन प्रेमियों के बीच व्यापक लोकप्रियता हासिल की है।

लाई :

धनरूआ का लाई भी खूब सुर्खियां बटोरे हुए है। धनरूआ के लाई का स्वाद चखने के लिए बिहार से बाहर रहने वाले लोग भी झोला भरकर ले जाते हैं। शुद्ध खोया और रामदाना से बना ये लाई स्वाद से भरपूर रहता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि धनरूआ का लाई बहुत पुराना है। तकरीबन 100 साल पहले से बन रहा है, जिसे  खाने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं।

 बूंदी लड्डू :

पारंपरिक रूप से बूंदी लड्डू त्योहारों के मौसम में या किसी भी शुभ या धार्मिक अवसरों के लिए तैयार की जाती है। इसके अलावा, यह आमतौर पर दीपावली त्योहार या नवरात्रि त्योहार के दौरान भी तैयार किया जाता है।बूंदी लड्डू को बनाने के लिए बेसन के बूंदी को चीनी के चासनी में डाल  कर स्वाद के अनुसार उसमें पचमेवा , इलायची मिलाया जाता है, उसके बाद उसे गोल गोल बाँधा जाता है।  बूंदी लड्डू के लजीज स्वाद हर पर्व के मिठास को बढ़ा देती है।  

 ठेकुआ :

ठेकुआ बिहार में बनने वाला पूर्ण रूप से सात्विक पकवान है। यह पकवान बिहार के साथ साथ, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश (पूर्वांचल) और नेपाल के तराई क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय है। लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा में ठेकुआ को प्रसाद के रूप में बनाया जाता है।

कसार :

चावल, खोवा, शक्कर एवं गुड़ से बना कसार, मकर संक्रांति व छ्ठ पूजा के अवसर पर घर घर में तैयार किया जाने वाला पारंपरिक व्यंजन है। सर्दियों के मौसम में इसका सेवन करना लाभदायक होता है। सर्दियों की शुरुआत में इन्हें खाने से बीमारियों से छुटकारा मिलता है। इनमें मौजूद गुड़ सर्दियों में शरीर के इम्यून सिस्टम को स्वस्थ बनाए रखता है। कसार के लजीज स्वाद पर्व के मिठास को बढ़ा देती है।

पिड़िकिया :

बिहार का छपरा शहर पिड़िकिया के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इसमें सूजी (सूजी) या खोआ को चीनी के साथ मिलाकर मैदा, पानी और घी के मिश्रण से बनी पतली पत्तियों में मिलाकर तैयार किया जाता है। इसके बाद मिठाई को घी में गहरा तला जाता है और परोसा जाता है।

अनरसा :

अनरसा एक बहुत ही प्रसिद्ध मिठाई है| यह मिठाई पीसा हुआ चावल ,चीनी , खोया और तिल के मिश्रण से बनाया जाता है| यह खाने में काफी स्वादिष्ट और लजीज होता है |

पिट्ठा :

पिट्ठा एक पारंपरिक भारतीय व्यंजन है जिसे मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, बंगाल, और उड़ीसा में खाया जाता है। पिट्ठा कई प्रकार के हो सकते हैं, जैसे मीठे, नमकीन ।पिट्ठा एक पौष्टिक और हेल्दी स्नैक है क्योंकि इसे भाप में पकाया जाता है। इसमें चावल और नारियल का मिश्रण इसे ऊर्जा से भरपूर बनाता है। साथ ही, इसमें  तेल का उपयोग नहीं होता है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। पिट्ठा न केवल स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि इसे बनाने में भी ज्यादा समय नहीं लगता। इसे किसी भी त्यौहार या खास मौके पर बनाया जा सकता है।

बालूशाही :

बालूशाही एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है, जो उत्तर भारत में बहुत प्रसिद्ध है। यह मिठाई बाहर से कुरकुरी और अंदर से मुलायम होती है, जो खाने में बहुत स्वादिष्ट लगती है। बालूशाही को त्यौहारों और खास मौकों पर विशेष रूप से बनाया जाता है।

खाजा :

खाजा एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है, जो मुख्य रूप से बिहार, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश में बहुत लोकप्रिय है। यह मिठाई परतदार, कुरकुरी और मीठी होती है, जिसे त्योहारों और विशेष अवसरों पर बनाया जाता है। खाजा को बनाने के लिए मुख्य रूप से मैदा, चीनी और घी का उपयोग किया जाता है।

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