Jaano Junction
Citizen Junction / जनता कक्ष

यादों के कई सिक्के भरे हैं गुल्लक में

स्वरूप मिश्रा द्वारा

Swaroop Mishra

बदलते दौर के बदलते आधुनिकता में कुछ चीज़ें बिल्कुल वैसी की वैसी रह जाती है।

जैसे मिडल क्लास परिवार का महंगाई से जिद्द-ओ-जहद।

जैसे घर के छोटे बेटे का बड़े से ज्यादा क़ाबिल बनने का खट्टा मीठा नोक झोंक।

जैसे मिडल क्लास पिता का हर रोज़ दफ़्तर में प्रमोशन के लिए एड़ी- चोटी का जोड़ लगाना।

और अंत में आती हैं मां.. हां मां सबके बाद ही तो आती हैं चाहे वो किस्से हो या घर की डाइनिंग टेबल

सबको खुश रखने का ज़िम्मा अपने सिर पे लिए

हां पर कभी कभी "डिसएप्वाइंटमेंट" माफ़ कीजिए

 तहरी से किस्से में हल्का सा संजीदापन डाल देती है,

और हो भी क्यों न हो सबकुछ बढ़िया ही थोड़ी होता है कभी क्योंकि सब कुछ अगर बढ़िया होता तो ये कहानी होती , पर ये कहानी नहीं किस्से है ध्यान दीजिएगा किस्से जो जमा हो जाती है यादों के गुल्लक में।

सोनी लिव पर आप इस खूबसूरत रचित वेब सिरीज़ "गुल्लक" के नए सीजन का लुत्फ़ अपने दोस्त और परिवार के साथ उठा सकते हैं।

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